सार्वजनिक जगह की बजाय अपने घर में बनवा लिया सामूहिक शौचालय, बीडीओ से शिकायत

ग्रामीणों का आरोप है कि वितीय वर्ष 2020-21 में स्वीकृत सार्वजनिक शौचालय का क्रियान्वयन वर्तमान पंसस नानी मुर्मू के द्वारा अपने घर में करवाया जा रहा है. जबकि इसके लिए ना तो ग्रामसभा की मंजूरी ली गई.

सार्वजनिक जगह की बजाय अपने घर में बनवा लिया सामूहिक शौचालय, बीडीओ से शिकायत


जमशेदपुर:  जमशेदपुर प्रखंड के पश्चिमी घाघीडीह पंचायत के जगन्नाथपुर गांव के लिए स्वीकृत सामूहिक शौचालय का निर्माण पंचायत समिति सदस्य नानी मुर्मू एवं उनके पुत्र दुर्गालाल मुर्मू ने अपने घर में करवा लिया है. इसकी जानकारी ग्रामीणों को होने के बाद बीडीओ से शिकायत की गई. शिकायत में दोनों पर पर सरकारी राशि का दुरूपयोग का आरोप लगाया. ग्रामीणों का आरोप है कि वितीय वर्ष 2020-21 में स्वीकृत सार्वजनिक शौचालय का क्रियान्वयन वर्तमान पंसस नानी मुर्मू के द्वारा अपने घर में करवाया जा रहा है. जबकि इसके लिए ना तो ग्रामसभा की मंजूरी ली गई. ना ही लाभुक समिति का चयन किया गया. मिलीभगत से मां-बेटे के द्वारा सरकारी योजना का क्रियान्वयन कराया जा रहा है. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी से की. बीडीओ से इसकी जांच कराने तथा दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2021 में दुर्गालाल मुर्मू पंसस चुने गए. उस समय योजना की मंजूरी मिली. इसी बीच विगत चुनाव में दुर्गालाल मुर्मू की मां नानी मुर्मू पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित हुई. उन्होंने पुरानी योजना का क्रियान्वयन सार्वजनिक जगह पर नहीं कराकर अपने घर में करवा लिया. 
खुले में शौच जाने को मजबूर हैं ग्रामीण
अपनी शिकायत में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव के लिए सार्वजनिक शौचालय की मंजूरी मिली. लेकिन उसे व्यक्तिगत उपयोग के लिए घर में निर्माण कराया जा रहा है. जबकि विगत कई वर्षों से ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि किसी के घर में बने शौचालय का इस्तेमाल ग्रामीण कैसे कर सकते हैं. निकट भविष्य में इसको लेकर विवाद उत्पन्न हो सकता है. ग्रामीणों ने बीडीओ से सार्वजनिक शौचालय को सार्वजनिक जगह पर बनवाने एवं योजना की आवंटित राशि की वसूली दोषियों से करने की मांग की.
सरकारी जमीन पर बना है शौचालय- दुर्गालाल मुर्मू
ग्रामीणों के आरोप एवं शिकायत के संबंध में पुछे जाने पर निवर्तमान पंचायत समिति सदस्य दुर्गालाल मुर्मू ने स्वीकार किया कि उक्त योजना उनके कार्यकाल में मंजूर हुई थी. उस समय कोरोना का दौर चल रहा था. सार्वजनिक बैठक एवं ग्रामसभा की मनाही थी. जिसके कारण विभागीय स्वीकृति के बाद योजना की मंजूरी मिली. उन्होंने अपने घर में शौचालय का निर्माण कराए जाने से साफ इंकार किया. कहा कि जहां शौचालय बन रहा है वह सरकारी भू-खंड है. जांच होने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. शौचालय का निर्माण पांच लाख रुपये की लागत से कराया जा रहा है.